पंचवर्षीय योजनाएँ स्टैटिक GK में सबसे महत्वपूर्ण विषयों में से एक हैं, जिसमें विभिन्न प्रकार के प्रश्न आमतौर पर सरकारी परीक्षाओं में आते हैं और आगे भी प्रश्न पूछे जाते रहेंगे। आपकी तैयारी में सहायता के लिए, हमने 1950 से लेकर वर्तमान तक भारत में लागू की गई सभी पंचवर्षीय योजनाओं की एक व्यापक सूची तैयार की है, जिसमें उनके मुख्य बिंदुओं, उपलब्धियों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला गया है। लेख में इन योजनाओं द्वारा निर्धारित वार्षिक लक्ष्यों का विवरण भी शामिल है। ये योजनाएँ देश के विकास और इसके लोगों के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे ये सभी परीक्षा की तैयारी के लिए आवश्यक हो जाती हैं यही नहीं अन्य कोई भी लागू की योजनाएं परीक्षा की तैयारी के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं चाहे वे योजना केंद्र या किसी राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई हों। लेख का ध्यानपूर्वक अध्ययन करने, मुख्य बिंदुओं और संबंधित प्रश्नों को नोट करने और परीक्षा से पहले उन्हें स्मरण करने की सलाह दी जाती है। पिछली परीक्षाओं में सरकारी योजनाओं पर प्रश्न पूछे गए हैं, जिनमें पंचवर्षीय योजनाएँ भी शामिल हैं, और नई योजनाओं पर वर्तमान परीक्षाओं में आमतौर पर प्रश्न देखा जाता है। फ्री जीके नोट्स पर हमारी टीम इन परीक्षाओं में आपकी सफलता का समर्थन करने के लिए समर्पित है हमारी वैबसाइट freegknotes.com को आप बूकमार्क कर सकते हैं हम आपको उम्दा और परीक्षा उपयोगी जानकारी उपलब्ध करवाते रहेंग।
तो आइए देखते हैं भारत की पंचवर्षीय योजनाएं क्या थी और कब कब से कब तक यह लागू की गई?
भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का संचालन
पृष्ठभूमि - 15 मार्च 1950 को योजना आयोग का गठन किया गया था। वर्ष 2015 तक
योजना आयोग ही पंचवर्षीय योजनाओं का संचालन करता था। इस आयोग का गठन आर्थिक नियोजन समिति ने दिनांक 15 मार्च 1950 किया था। भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहर लाल नेहरू इसके प्रथम अध्यक्ष बनाए गए थे तो वहीं श्री गुलजारी लाल नंदा जी प्रथम उपाध्यक्ष थे। पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल 1951 से शुरू की गई थी। दिनांक
15 अगस्त 2014 को योजना आयोग को भारत सरकार द्वारा समाप्त कर दिया गया था। इसके बाद से अब एक नई संस्था
नीति आयोग जिसका गठन 0
1 जनवरी 2015 में किया गया और आगे के लिए नीति आयोग पंचवर्षीय योजना के संबंध में भी सरकार को सलाह देगा।
मुख्यतः योजना आयोग पंचवर्षीय योजनाओं में उनकी कुल अवधि वार्षिक जीडीपी और वृद्धि दर के लक्ष्य तय करता था। होने वाली उपलब्धियां और विकास कार्यों पर योजनाओं को लागू करने का कार्य भी आयोग का ही था। क्योंकि मुख्यतः योजना आयोग ही देश में बड़ी और लंबी अवधि की योजनाओं को लागू करता था इसीलिए परीक्षाओं में इससे जुड़े प्रश्न आना स्वाभाविक है और आगामी समय में इससे जुड़े प्रश्न परीक्षाओं में आएगें भी। तो आईए जानते हैं कौन-कौन सी पंचवर्षीय योजना कब कब लागू की गई इनका वार्षिक लक्ष्य क्या था। यह पंचवर्षीय योजनाओं किस उद्देश्य के लिए लागू की गई और कब से कब तक इनकी अवधि रही है।
पहली पंचवर्षीय योजना (1951 से 1956 तक)
प्रथम पंचवर्षीय योजना कृषि क्षेत्र पर केंद्रित तिथि तथा कृषि क्षेत्र में विकास इसका प्रमुख उद्देश्य रहा था। इसके अलावा बहुउद्देशीय परियोजनाएं जैसे बांध निर्माण, सिंचाई योजना तथा सड़क निर्माण आदि थे। यह वर्ष 1951 से 1956 तक निर्धारित की गई थी। यह पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व संचालित की गई थी।
पहली पंचवर्षीय योजना के मुख्य बिंदु
- “हैरोड-डोमर मॉडल” पर आधारित थी।
- व्यास योजना, दामोदर योजना, नदी घाटी योजना जो कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई थी ऐसी कई बड़ी-बड़ी सिंचाई योजना इसी प्रथम पंचवर्षीय योजना में बनी थी।
- राष्ट्रीय आय में 18% की वृद्धि अनुमानित की गई थी
- प्रति व्यक्ति आय में 11% वृद्धि करने का लक्ष्य रखा था और हासिल भी किया गया था।
- वार्षिक लक्ष्य 2.1% जीडीपी रखा गया था जो पूरी तरह सफल रहा था।
- इस दौरान 3.6% विकास दर से यह लक्ष्य हासिल हुआ।
- कृषि क्षेत्र को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी गई थी।
- अर्थव्यवस्था के संतुलन का विकास करना इसका प्रमुख उद्देश्य था।
पहली पंचवर्षीय योजना पर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
- प्रश्न - योजना आयोग का गठन कब किया गया?
उत्तर - 15 मार्च 1950
- प्रश्न -किसकी सिफ़ारिश पर योजना आयोग का गठन हुआ?
उत्तर - आर्थिक नियोजन समिति
- प्रश्न - पहली पंचवर्षीय योजना कब शुरू हुई थी?
उत्तर - 1 अप्रैल 1951
- प्रश्न - पहली पंचवर्षीय योजना किस मॉडल पर आधारित थी?
उत्तर - “हैरोड-डोमर मॉडल”
- योजना आयोग के पहले अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर - भारत के पहले प्रधानमंत्री श्री पंडित जवाहरलाल नेहरू
- योजना आयोग के पहले उपाध्यक्ष कौन थे?
उत्तर - श्री गुलजारी लाल नंदा
- प्रश्न - क्या पहली पंचवर्षीय योजना अपने लक्ष्य हासिल करने में सफल रही थी?
उत्तर - हाँ - लक्ष्य 2.1% से अधिक 3.6% विकास दर दर्ज की गई थी।
- प्रश्न - पहली पंचवर्षीय योजना कब से कब तक की बनी थी?
उत्तर - 1 अप्रैल 1951 से 31 मार्च 1956 तक
- प्रश्न - पहली पंचवर्षीय योजना केई दौरान भारत के राष्ट्रपति कौन थे?
उत्तर - डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद (भारत के पहले राष्ट्रपति)
द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956 से 1961 तक)
द्वितीय पंचवर्षीय योजना
पीसी महालनोविस मॉडल पर आधारित थी। जीडीपी का वार्षिक लक्ष्य 4.5 प्रतिशत तय किया गया था। हालांकि इसमें विकास दर 4.1% रही थी। राष्ट्रीय आय में 25% की विधि वृद्धि का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। उद्योगों के लिए प्राथमिकता दी गई थी तथा इनके विकास के लिए 24% राशि व्यय निर्धारित किया गया था। यातायात तथा संचार के विभिन्न संसाधनों को दूसरी प्राथमिकता के तौर पर रखा गया था। इसमें 28% राशि यातायात तथा संचार पर खर्च करना तय किया गया था।
- समाजवाद धारणा की स्थापना के उद्देश्य के साथ लॉन्च हुई थी।
- यह योजना पीसी महालनोविस मॉडल पर आधारित थी।
- नेहरू के नेतृत्व में लॉन्च की गई थी।
- इसमें विकास दर 4.1% थी जोकि तय लक्ष्य 4.5% से कम रही थी।
- दुर्गापुर इस्पात उद्योग, भिलाई इस्पात उद्योग तथा राउरकेला इस्पात उद्योग इसी योजना के दौरान बने।
किन किन परीक्षाओं में पंचवर्षीय योजनाओं पर प्रश्न आ सकते हैं?
- Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC)
- Union Public Service Commission (UPSC)
- Staff Selection Commission (SSC)
- Uttarakhand Public Service Commission (UKPSC)
- Institute of Banking Personnel Selection (IBPS)
- Uttar Pradesh Subordinate Services Selection Commission (UPSSSC)
- Railway Recruitment Board (RRB)
- Life insurance corporation (LIC)
- Haryana Public Service Commission (HPSC)
- Punjab Public Service Commission (PPSC)
- Bihar Public Service Commission (BPSC)
- Jammu and Kashmir Public Service Commission (JKPSC)
-
दूसरी पंचवर्षीय योजना पर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
- प्रश्न - आज़ादी के बाद "धीरे-धीरे विकास" करने का तर्क किसका था?
उत्तर - देश के युवा अर्थशास्त्री के.एन. राज ने पहले दो दशकों के लिए यह तर्क दिया था।
- दूसरी पंचवर्षीय योजना किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुई थी?
उत्तर - जवाहरलाल नेहरू' ने प्रधानमंत्री द्वारा दूसरी पंचवर्षीय योजना के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया था।
- प्रश्न - क्या दूसरी पंचवर्षीय योजना अपने लक्ष्य हासिल करने में सफल रही थी?
उत्तर - नहीं, अपने निर्धारित लक्ष्य 4.5% विकास दर से कम 4.1% की विकास दर हासिल कर पाई थी।
- प्रश्न - दूसरी पंचवर्षीय योजना का आधार मॉडल क्या रखा गया था?
उत्तर - यह पीसी महालनोविस मॉडल पर थी।
इसके अलावा और भी कई बड़ी आगामी परीक्षाओं में इस विषय पर प्रश्न आ सकते हैं।
तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961 से 1966 तक)
अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाए जाने के प्रमुख उद्देश्य के साथ भारत में तीसरी पंचवर्षीय योजना को लागू किया गया था। जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में लॉन्च की गई यह योजना थी जोकि पूर्ण रूप से सफल नहीं हो पाई थी। जिसका प्रमुख कारण भारत चीन युद्ध और भारत-पाकिस्तान युद्ध रहा तथा रखे गए 5.6% जीडीपी लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई थी। इसमें 2.8 की विकास दर हासिल की गई थी।
तृतीय पंचवर्षीय योजना के प्रमुख बिंदु
- GDP लक्ष्य 5.6 प्रतिशत रखा गया था।
- GDP वृद्धि दर 2.8 हासिल हुई थी।
- भारत के साथ चीन तथा पाकिस्तान का युद्ध इस योजना के असफल होने का प्रमुख कारण रहा था।
- तृतीय पंचवर्षीय योजना में अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रथम तथा कृषि और उद्योग विकास को दूसरी प्राथमिकता दी गई थी।
तृतीय पंचवर्षीय योजना पर पूछे जाने वाले महत्वपूर्ण प्रश्न
- प्रश्न - तृतीय पंचवर्षीय योजना को दूसरे किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर - इस योजना के समय योजना आयोग के के उपाध्यक्ष डीआर गाडगिल थे उनके विकास कार्यों के लिए ही यह कार्यक्रम गाडगिल योजना के रूप में भी जाना जाता है।
- तृतीय पंचवर्षीय योजना किस प्रधानमंत्री के कार्यकाल में हुई थी?
जवाहरलाल नेहरू' ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुये 1961-1966 में तृतीय पंचवर्षीय योजना के कार्यान्वयन का निरीक्षण किया था।
- प्रश्न - तीसरी पंचवर्षीय योजना के असफल होने का प्रमुख कारण क्या था?
उत्तर - भारत चीन युद्ध और भारत पाकिस्तान युद्ध
- प्रश्न - क्या तृतीय पंचवर्षीय योजना अपने लक्ष्य हासिल करने में सफल रही थी?
उत्तर - नहीं - लक्ष्य 5.6% से कम 2.8 % विकास दर दर्ज की गई थी।
- प्रश्न - तृतीय पंचवर्षीय योजना दूसरी प्राथमिकता क्या थी?
उत्तर - कृषि और उद्योग विकास
पंचवर्षीय योजना में योजना अवकाश (1966-67 से 1968-69 तक)
भारत के साथ चीन युद्ध तथा भारत पाकिस्तान युद्ध होने की वजह से संसाधनों में काफी कमी दर्ज की गई थी। जिसके चलते योजना अवकाश 1966-67 से 1968-69 तक को आयोजित किया गया था। इसके अलावा देश में सूखा होने की वजह से भी इस योजना को कुछ समय के लिए अवकाश की श्रेणी में रखा गया था। इस अवकाश के दौरान तीन प्रमुख वार्षिक योजनाओं को तैयार किया गया था। इन वार्षिक परियोजनाओं में कृषि उद्योग क्षेत्र तथा व्यापार मंडल को प्राथमिकता दी गई थी। पूर्व की तीन पंचवर्षीय योजनाओं में विस्तृत रिव्यू भी किया गया।
पंचवर्षीय योजना अवकाश पर परीक्षा में पूछे जा सकने वाले प्रश्न
- प्रश्न - पंचवर्षीय योजना अवकाश क्या होता है?
उत्तर - संसाधनों में काफी कमी या कोई ऐसी परिस्थिति जिसमें योजनाओं का सुचारु रख पाना संभव न रहे। हालांकि इस दौरान छोटी योजनाओं को सुचारु रखा जाता है।
- प्रश्न - योजना अवकाश के दौरान प्रमुख वार्षिक योजनाओं में क्या क्या रही थी?
उत्तर - कृषि उद्योग क्षेत्र तथा व्यापार मंडल को बढ़ावा देना।
चौथी पंचवर्षीय योजना में योजना अवकाश (1969 से 1974 तक)
नेतृत्व - श्रीमती इंदिरा गांधी
मॉडल - अशोक रुद्र मेनन मॉडल
- इंदिरा गांधी के नेतृत्व में चौथी पंचवर्षीय योजना लांच हुई थी।
- आर्थिक आत्मनिर्भरता की प्राप्ति का प्रमुख उद्देश्य रखा गया था।
- यह योजना 3.3% की वार्षिक वृद्धि हासिल कर पाई थी जो की तय लक्षित विकास दर 5.7 प्रतिशत से कम प्राप्त की गई थी।
- असफल होने के प्रमुख कारण बांग्लादेशी शरणार्थी थे।
पांचवी पंचवर्षीय योजना में योजना अवकाश (1974 से 1978 तक)
पांचवी पंचवर्षीय योजना में जीडीपी लक्ष्य 4.4% रखा गया था और 4.8 प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल की गई थी। इस योजना को सफल पंचवर्षीय योजनाओं में रखा जाता है। यह योजना इंदिरा गांधी के नेतृत्व में लागू हुई थी। गरीबों का उन्मूलन प्रमुख उद्देश्य था। इस योजना से देश में बेरोजगारी दर में कमी दर्ज की गई थी।
- गरीबों का उन्मूलन और देश में आत्मनिर्भरता बनाए रखने के लिए योजनाओं को लागू करना प्रमुख उद्देश्य था।
- 4.4% जीडीपी लक्ष्य रखा था।
- 4.8% विकास दर दर्ज की गई थी।
- इस योजना से देश में गरीबी तथा बेरोजगारी दर काफी हद तक कम हुई थी।
रोलिंग प्लान (1978-80)
वह समय जब जनता पार्टी सरकार थी चल रही पाँचवीं पंचवर्षीय योजना को समाप्त कर दिया गया। इस फैसले का प्रमुख कारण अस्थिरता का दौर था। फिर एक नई छठी पंचवर्षीय योजना को ड्राफ्ट करने और लागू करने की अलग योजना बनाई गई लेकिन उसे फिर 1980 में भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस की सरकार से चुनी गई प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी ने खारिज कर दिया।
रोलिंग प्लान का तात्पर्य क्या है?
वार्षिक रूप तय किसी योजना की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करना रोलिंग प्लान कहलता है। इसी मूल्यांकन से निकले परिणाम के आधार पर आगामी वर्ष की योजना के आवंटन और लक्ष्य दोनों निर्धारित किए जाते हैं। 1978 में एक नई छठी पंचवर्षीय योजना शुरू की गई जिसे रोलिंग प्लान के रूप से जाना जाता है।
छठी पंचवर्षीय योजना (1980 से 1985 तक)
छठी पंचवर्षीय योजना वर्ष 1980 से वर्ष 1985 तक लागू हुई थी इस योजना के तहत जनता पार्टी के द्वारा बनाया गया रोलिंग प्लान समाप्त किया गया था। रोजगार में बढ़ोतरी , नाबार्ड बैंक की स्थापना तथा आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन प्रमुख उद्देश्य थे।
- 5.2% की वृद्धि का लक्ष्य था।
- 5.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।
- वृद्धि दर के हिसाब से यह सफल योजना।
- रोजगार में बढ़ोतरी करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985 से 1990 तक)
रोजगार वृद्धि तथा तकनीकी क्षेत्र में विकास के प्रमुख उद्देश्य के साथ सातवीं पंचवर्षीय योजनाओं को लागू किया गया था। लोगों को रोजगार के लिए अधिक से अधिक अवसर प्रदान करना महत्वपूर्ण माना गया था।
- राजीव गांधी के नेतृत्व में यह योजना लॉन्च की गई थी।
- जीडीपी दर 5% तय की गई थी।
- सातवीं पंचवर्षीय योजना द्वारा 6. 02% की वृद्धि हासिल की गई थी
- सातवीं पंचवर्षीय योजना सफल योजना रही थी।
- इस पंचवर्षीय योजना में भोजन, काम और उत्पादन का नारा दिया गया।
- इस योजना के दौरान प्रति व्यक्ति आय में 3.6% वृद्धि दर्ज की गई थी।
सातवीं योजना के बाद विलम्ब का कारण
सातवीं पंचवर्षीय योजना के बाद दो वित्त वर्ष 1990-91 तथा 1991-92 के लिए पंचवर्षीय योजनाओं में विलंब हुआ था। इसका प्रमुख कारण देश में आर्थिक स्थिरता रहा तथा इस दौरान ही देश में विदेशी मुद्रा भंडार के संकट भी पैदा हुआ था अर्थात इसके बाद 1991 में बनी प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव की सरकार के नेतृत्व में अर्थव्यवस्था से जुड़ी इस गंभीर समस्या से निपटने के लिए कई तरह के प्रयास किए गए। जिसमें वैश्वीकरण, उदारीकरण तथा निजीकरण की रणनीति को प्राथमिकता दी गई। अतः वर्ष 1992 में अगली आठवीं पंचवर्षीय योजना का आरंभ हुआ तथा यह योजना 1992 से 1997 तक चली।
आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992 से 1997 तक)
- भारत के प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के समय आठवीं पंचवर्षीय योजना लागू की गई थी ।
- मानव संसाधन में विकास, शिक्षा एवं रोजगार आठवीं पंचवर्षीय योजना के सबसे प्रमुख ।
- इसमें 5.6% लक्षित वृद्धि दर रखा गया था ।
- अविश्वसनीय रूप से 6.8 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई थी ।
- आठवीं पंचवर्षीय योजना सफल योजनाओं में थी।
- रोजगार बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री रोजगार योजना आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान शुरू की गई थी।
आठवीं पंचवर्षीय योजना पर विशेष एकपंक्ति प्रश्न उत्तर
- प्रश्न - भारत विश्व व्यापार संगठन का सदस्य कब बना?
आठवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 1 जनवरी, 1995 को (World Trade Organisation- WTO) का सदस्य बना था।
- प्रश्न - क्या आठवीं पंचवर्षीय योजना अपने लक्ष्य को हासिल कर पाई है?
उत्तर - हाँ, अविश्वसनीय रूप से 6.8% कि विकास दर के साथ यह सफल योजना रही।
नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997 से 2002 तक)
- नवमी पंचवर्षीय योजना में समानता के साथ विकास और न्याय प्रमुख उद्देश्य था।
- यह योजना भारत के प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई नेतृत्व में लांच की गई थी।
- जीडीपी का लक्ष्य 6.5% तय किया गया।
- इस योजना से 5.5% वृद्धि दर हासिल की गई थी।
- असफल होने का कारण अंतरराष्ट्रीय मंदी बना था।
- क्षेत्रीय संतुलन पर ही विशेष जोर देना भी इस पंचवर्षीय योजना का एक उद्देश्य तय था।
दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002 से 2007 तक)
- गरीबी और बेरोजगारी को जड़ से हटाना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य था।
- अगले 10 वर्षों में प्रति व्यक्ति आय को दुगना करना भी उद्देश्य रखा गया था।
- यह योजना श्री अटल बिहारी वाजपेयी और श्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व में लांच हुई।
- जीडीपी की लक्ष्य वार्षिक दर 8.1% रखी गई थी।
- वार्षिक दर उपलब्धि 7.6% की हुई जोकि लक्ष्य से कम रही।
- कृषि उत्पादन वृद्धि का लक्ष्य 4% रखा था, जबकि 3.42% की वृद्धि हासिल हुई थी।
- 8.90% और 9.40% के साथ उद्योग और सेवा के क्षेत्रों में लक्ष्य रखा गया था और हासिल वृद्धि दर 8.74% और 9.30% वार्षिक दर्ज की गई थी।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना( 2007 से 2012 तक)
नेतृत्व : श्री मनमोहन सिंह
जीडीपी : लक्ष्य 9.0%
विकास दर : 8.3% हासिल की
इसमें ख़ास :
शिक्षा के लिए तीव्र और अधिक समावेशी विकास के नाम से थीम राखी गई। इस योजना में उच्च शिक्षा तथा दूरस्थ शिक्षा और आईटी संस्थानों पर ज़्यादा ध्यान दिया गया था। यह योजना शिक्षा के उद्देश्य से बहुत महत्त्वपूर्ण थी।
ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना के विकास कार्य
शिक्षा का अधिकार अधिनियम इसी योजना के दौरान वर्ष 2009 में पेश किया गया था। यह अधिनियम साल 2010 में लागू हुआ। निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा कि रणनीति बनाई गई थी। इसमें 6-14 वर्ष की आयु तक शिक्षा अनिवार्य कि गई थी।
परीक्षा उपयोगी प्रश्न
- प्रश्न - ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना कि रूपरेखा किसने बनाई थी?
उत्तर - सी. रंगराजन ने
- प्रश्न - ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में लक्षित विकास दर क्या थी?
उत्तर - 9%
- प्रश्न - ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में वास्तविक विकास दर क्या रही थी?
उत्तर - 8%
बारहवीं पंचवर्षीय योजना(2012 से 2017 तक)
नेतृत्व : श्री मनमोहन सिंह, श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
नारा : "तेज़, अधिक टिकाऊ और अधिक समावेशी विकास।"
जीडीपी : लक्ष्य 9.0%
विकास दर : 8% वास्तविक
- 5 करोड़ लोगों को सरकारी एवं निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर देना।
- मत्स्य क्षेत्र में 4% वृद्धि हासिल करना
- विनिर्माण क्षेत्रों में 10% वृद्धि हासिल करना
- हर गाँव को बिजली पहुंचाना तथा विद्युत आपूर्ति करना
इस योजना के लक्ष्य हर साल हरित क्षेत्र को 1 मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ाना रखा था।
जैसा कि आप जानते हैं, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2015 को नीति आयोग को समाप्त करने का प्रस्ताव पारित किया था। इसके समाप्त होने के बाद, भारतीय नीति आयोग की स्थापना की गई। आगे चलकर, नीति आयोग पंचवर्षीय योजना के लिए रणनीति बनाने और इसके ढांचे को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार होगा। 2017 में, नीति आयोग ने सामान्य 5-वर्षीय योजना के बजाय 15-वर्षीय कार्य योजना विकसित की। वर्तमान में, नीति आयोग 2017 से 2035 तक इस योजना को लागू कर रहा है।
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है, पंचवर्षीय योजनाएँ सामान्य ज्ञान में एक महत्वपूर्ण विषय हैं। इस विषय से संबंधित प्रश्न आमतौर पर विभिन्न संगठनों जैसे HPSC, RPSC, UPPSC, UKPSC, HPPSC, BPSC, MPPSC और PPSC द्वारा आयोजित परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसके अतिरिक्त, इस विषय पर प्रश्न अक्सर HSSC, RSSB, DSSSB, UPSSSC, UKSSSC, PSSSB और BSSC की परीक्षाओं में भी शामिल किए जाते हैं। इसके अलावा, यह आगामी परीक्षाओं जैसे कि यूपी पुलिस री-एग्जाम 2024, उत्तर प्रदेश लेखपाल, वीडीओ, सीआरपीएफ, बीएसएफ, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, एचपीएसएसएसबी और (UPSSSC)यूपीएसएसएससी में एक महत्वपूर्ण विषय है। इसलिए, हम अपने पाठकों को इन सभी योजनाओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भविष्य में, हम अतिरिक्त योजनाओं पर अधिक विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे।
धन्यवाद
04 Comments